स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहाँपुर, 06 अक्टूबर 2025 — अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन, शाखा शाहजहाँपुर के तत्वावधान में लोधीपुर स्थित अमृतसिद्धि आयुर्वेद एवं केरलीय पंचकर्म चिकित्सालय पर “शरद पूर्णिमा पर खीर का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण” विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला अध्यक्ष डॉ. विजय जौहरी ने भगवान धन्वंतरि एवं देवभिषजौ अश्विनौ को दीप प्रज्ज्वलित एवं पुष्प अर्पित कर किया।
गोष्ठी में चिकित्सकों ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्र किरणें अमृतमय एवं औषधीय गुणों से युक्त होती हैं, जिससे खीर पौष्टिक, एंटीऑक्सीडेंट युक्त और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली बन जाती है। यह परंपरा शरद ऋतु में पित्त शमन और शरीर संतुलन हेतु अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।
चिकित्सकों ने कहा कि इस ऋतु में सूर्य की उष्णता से उत्पन्न पित्त दोष का शमन ठंडी चांदनी में रखी खीर के सेवन से होता है। दूध, चावल और मीठा स्वभावतः शीतल होने के कारण चंद्र किरणों के प्रभाव से अमृत तुल्य हो जाते हैं। चंद्रमा वनस्पतियों को रस प्रदान करता है, जिससे खीर के औषधीय प्रभाव बढ़ते हैं।
कार्यक्रम में डॉ. विजय जौहरी, डॉ. अभिनव सक्सेना, डॉ. जितेंद्र सक्सेना, डॉ. गरिमा गुप्ता, डॉ. सूफिया सुल्ताना, डॉ. रवि सक्सेना, डॉ. रोहित वर्मा, डॉ. हितेश गुप्ता, डॉ. प्रमोद मिश्रा, डॉ. सुभा मिश्रा, डॉ. मुजीब, डॉ. सलीम और डॉ. अजीत सिंह उपस्थित रहे।
चिकित्सालय के संचालक डॉ. अभिनव सक्सेना ने बताया कि संगठन की मंशा के अनुसार जनहित में निःशुल्क आयुर्वेद एवं पंचकर्म चिकित्सा शिविर समय-समय पर आयोजित किए जाएंगे।
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