स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
उत्तर प्रदेश ट्रेड फेयर स्वदेशी मेला-2025 के आठवें दिन बुधवार को एक शानदार कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश भर के प्रसिद्ध कवियों और कवयित्रियों ने अपनी ओजस्वी रचनाओं से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त उद्योग अनुराग यादव एवं केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के मीडिया प्रभारी विनीत मिश्र ने प्रभु गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्पण कर किया। तत्पश्चात सभी रचनाकारों का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री सरिता बाजपेयी की माँ सरस्वती वंदना से हुई, जिन्होंने सुनाया—
“लिखने वाला खुशियाँ लिखता, दर्द सिंधु पी लेता है...
जीवन पथ के सारे ही ग़म, हंस-हंस जी लेता है।”
अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध लोकगीतकार विजय ठाकुर ने अपनी रचना से मंच सजाया—
“मैं तो यूँ ही उधर से गुज़र भर गया, लोग चलने लगे तो डगर हो गई।”
संचालन कर रहे संयोजक डॉ. इन्दु अजनबी ने अपने चर्चित गीतों से समां बाँध दिया—
“मेरे बिन तू न इक पल जिया लिख दे, मेरे नाम कोई पाती पिया लिख दे।”
कवि अजय अवस्थी ने मार्मिक गीत प्रस्तुत किए—
“गली चलते बुजुर्गों से वो दिन भर बंदगी करना,
दुआ में उठते हाथों को चलो फिर ढूंढ लाते हैं।”
युवा कवि पीयूष शर्मा ने हास्य और संवेदना से भरी पंक्तियाँ प्रस्तुत कीं—
“हमने कुछ तो अच्छा देखा, हँसने वाला चेहरा देखा।”
वहीं युवा कवि आशीष शुक्ला की पंक्तियों पर दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया—
“यह जान किसी को मत देना, यह पहली जान हमारी है।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी और नागरिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर अरुण पांडेय, शहनवाज़ ख़ान, अनिल कुमार गुप्ता, डॉ. नमिता सिंह, नलिनी ओमर, शालू यादव, बलराम शर्मा, स्तुति गुप्ता, सुमन गुप्ता, मीनू गुप्ता सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद रहे।
अंत में उपायुक्त उद्योग अनुराग यादव ने सभी कवियों और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम को साहित्यिक दृष्टि से अत्यंत सफल बताया।
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