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बाल विकास विभाग सकरन में भ्रष्टाचार के बड़े खेल का खुलासा — रिश्वतखोरी, अनियमितताओं और पक्षपात के आरोपों से मचा हड़कंप


ब्यूरो रिपोर्ट — सुधीर सिंह कुम्भाणी

📍सकरन (सीतापुर):
योगी सरकार के सुशासन के दावे पर सवाल खड़े करते हुए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग सकरन में भ्रष्टाचार की नई परतें सामने आई हैं। हाल ही में अदवारी-2 आंगनबाड़ी कार्यकत्री इस्तीफे का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के प्रमोशन में भारी रिश्वतखोरी के आरोपों ने पूरे विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत मोहलिया और टेड़वा कला में तैनात सहायिकाओं को प्रमोशन देने के लिए 50 हजार से 1.5 लाख रुपये तक की वसूली की गई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि विभाग में साम्प्रदायिक पक्षपात और पैसे के बल पर प्रमोशन की पूरी पटकथा तैयार की जा रही है।


🔍 पोषण वितरण से लेकर भुगतान तक में घोटाले के संकेत

सूत्र बताते हैं कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा पोषण उठान तो किया जा रहा है, लेकिन उन्हें किराया और भत्ता विभाग की ओर से नहीं दिया जा रहा।
पोषण सामग्री का उठान बिना KYC के किया जा रहा है और कई केंद्रों — सेमराकला, पटना, टेड़वा कला, मोहलिया, नसीरपुर, रसूलपुर, सैदापुर — पर लाभार्थियों को या तो कम पोषण दिया जा रहा है या बिल्कुल नहीं दिया जा रहा।


🍲 हॉट कुक व्यवस्था में भी अनियमितता

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मिलने वाले हॉट कुक भोजन में भी गड़बड़ी सामने आई है। कई केंद्रों पर बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में बनने वाला मिड-डे मील ही परोसा जा रहा है। पौष्टिक भोजन की आपूर्ति के नाम पर खुली कालाबाजारी हो रही है।


🧾 आंगनबाड़ी चयन प्रक्रिया में भी धांधली

पूर्व में हुई आंगनबाड़ी भर्ती में भी गंभीर गड़बड़ियों और पक्षपात के आरोप लगे हैं।
गरीब वर्ग के लिए आरक्षित केंद्र मदनापुर को खाली छोड़ दिया गया, जबकि योग्य आवेदिका महीनों तक दफ्तरों के चक्कर लगाती रही।
मजबूर होकर उसने उच्च न्यायालय की शरण ली, लेकिन डीपीओ सीतापुर और सीडीपीओ सकरन ने गोलमोल जवाब देकर मामला दबा दिया।


⚠️ प्रमोशन में रिश्वतखोरी का आरोप गंभीर

सूत्रों के अनुसार, सहायिकाओं और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की प्रोन्नति के लिए विभाग में रिश्वत का खेल खुलेआम चल रहा है।
कुछ अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने साम्प्रदायिक आधार पर पदोन्नति देकर नियमों को दरकिनार किया।


👁‍🗨 अब सवाल उठता है कि — क्या सरकार और प्रशासन इन भ्रष्टाचार के गढ़ों पर लगाम लगाएगा?
क्षेत्रवासी मांग कर रहे हैं कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए, ताकि सुशासन की छवि पर लगे दाग मिट सकें।

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