स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति की बैठक आज विकास भवन सभागार में समिति के माननीय सभापति डॉ. रतन पाल सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में माननीय सदस्य डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, श्री विजय बहादुर पाठक, डॉ. सुधीर गुप्ता, जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी सहित सभी जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान रिटायर पेंशन, ग्रेच्युटी एवं अन्य देयकों के भुगतान की स्थिति की समीक्षा की गई। समिति ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि लंबित प्रकरणों का तत्काल निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
माननीय सभापति डॉ. रतन पाल सिंह ने कहा कि —
“सेवानिवृत्त एवं मृतक कार्मिकों के देयकों का भुगतान समय से किया जाए तथा मृतक आश्रितों को शीघ्र रोजगार उपलब्ध कराया जाए।”
उन्होंने बजट आवंटन के संबंध में भी निर्देश दिए कि —
“मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्राप्त बजट को समय से व्यय किया जाए तथा आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त मांग प्रस्तुत की जाए।”
बैठक के दौरान विद्युत विभाग के जेई अंकित कुमार तिवारी को फ़ोन लगाकर संपर्क करने का प्रयास किया गया। उनके द्वारा कॉल न उठाने पर माननीय सभापति ने नाराजगी व्यक्त की और अधीक्षण अभियंता विद्युत को निर्देश दिए कि उनका स्पष्टीकरण प्राप्त कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही आदेश दिया गया कि आगामी एक माह तक जिले के सभी जेई को रैंडम कॉल कर उनकी प्रतिक्रिया का डाटा समिति को उपलब्ध कराया जाए।
समिति ने यह भी निर्देश दिए कि सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना सुनिश्चित किया जाए ताकि शासन की मंशा के अनुरूप विकास के लक्ष्य पूरे हों।
बैठक के समापन पर जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि —
“समिति द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन कराया जाएगा और जनपद को निरंतर प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।”
समिति ने सीएम डैशबोर्ड में उत्कृष्ट प्रदर्शन और उच्च रैंकिंग प्राप्त करने के लिए जिलाधिकारी को बधाई भी दी।
इस अवसर पर नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्रा, परियोजना निदेशक अवधेश राम, जिला विकास अधिकारी ऋषिपाल सिंह, समिति के निजी सचिव सर्वेश गुप्ता, अनु सचिव सतीश यादव, समीक्षा अधिकारी मनोज कुमार मिश्रा, प्रतिवेदक अभय सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
“माननीय सभापति ने दिए निर्देश — देयकों का त्वरित निस्तारण, मृतक आश्रितों को शीघ्र रोजगार और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।”

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