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संत रविदास जयंती पर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में हुआ भव्य आयोजन


ब्यूरो रिपोर्ट अमित गुप्ता ✍️ 

बिसवां, सीतापुर। सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, पुरवारी टोला में मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को संत रविदास जयंती धूमधाम से मनाई गई। प्रातः मां सरस्वती की वंदना के बाद विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं ने भाषण, प्रेरक प्रसंग और कविताओं के माध्यम से संत रविदास के जीवन और उनके आदर्शों को प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में आचार्य अंजली जी ने संत रविदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संत रविदास को संत शिरोमणि की उपाधि दी गई थी। उन्होंने जाति-धर्म के भेदभाव को समाप्त करने और मानवता को सर्वोपरि मानने की प्रेरणा दी। संत रविदास को उनके अनुयायी रविदास, रोमदास, रैदास और रूइदास नामों से भी जानते हैं। वे अपने वचनों के पक्के और ईमानदार व्यक्ति थे। उन्होंने हमेशा मेहनत, ईमानदारी और मानवता का मार्ग अपनाने की शिक्षा दी।

शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों पर जोर

कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की माननीय प्रधानाचार्या ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा, "संत रविदास न केवल संत थे, बल्कि एक समाजसेवी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे। उनका संदेश था कि मेहनत और विश्वास ही व्यक्ति को महान बनाते हैं। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके माध्यम से हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझना चाहिए।"

प्रधानाचार्या ने छात्राओं को मेहनत और ईमानदारी से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने संत रविदास के जीवन से जुड़े कई प्रेरक प्रसंग भी साझा किए।

छात्राओं का उत्साह और शिक्षकों का मार्गदर्शन

कार्यक्रम में छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उनके प्रेरक भाषण और प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय के शिक्षकों ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की वरिष्ठ छात्रा ने किया। अंत में आचार्य ने सभी को संत रविदास के आदर्शों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।

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