ब्यूरो रिपोर्ट ✍️ जहीन खान
कानपुर, 07 जुलाई 2025।
कानपुर कमिश्नरेट के साउथ जोन से एक गंभीर और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है, जहाँ हिस्ट्रीशीटर और फरार अपराधी इनामिया उर्फ नारायण भदौरिया को लेकर यह चर्चा गर्म है कि उसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ग्रामीण क्षेत्र से सक्रिय सदस्य बनाया गया है। इस मुद्दे ने न केवल स्थानीय राजनीति में उबाल ला दिया है बल्कि भाजपा की साख पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
क्या भाजपा अब अपराधियों को ग्रामीण क्षेत्र में जमीन कब्जाने और दबदबा बनाने के लिए सक्रिय सदस्य बना रही है..?
यह सवाल अब हर किसी की जुबां पर है। खासकर तब, जब प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भाजपा को "साफ-सुथरी छवि वाली पार्टी" बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। ऐसे में एक वांछित अपराधी को पार्टी से जोड़ने की खबर भाजपा की नीतियों और घोषणाओं के विपरीत प्रतीत हो रही है।
जानकारी के मुताबिक, नारायण भदौरिया उर्फ इनामिया कई आपराधिक मामलों में नामजद है और लंबे समय से पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज मामलों के बावजूद उसे पार्टी से जोड़ने की खबरें गंभीर प्रशासनिक और राजनीतिक लापरवाही की ओर इशारा कर रही हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के अपराधियों को यदि सक्रिय राजनीतिक भूमिका दी जाती है, तो यह न केवल कानून व्यवस्था पर कुठाराघात है, बल्कि यह क्षेत्र में भूमाफिया और दबंगई को बढ़ावा देने जैसा है।
इस पूरे मामले पर भाजपा के स्थानीय नेतृत्व की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर, एक फरार अपराधी को पार्टी से जोड़ने का फैसला किसने और क्यों लिया? और क्या इस फैसले को प्रदेश नेतृत्व की मंजूरी मिली थी?
अब देखना यह है कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व और प्रशासन इस प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं, और क्या इस अपराधी को सक्रिय सदस्य बनाने की पुष्टि होती है या नहीं। परंतु फिलहाल, इस चर्चा ने ग्रामीण राजनीति और भाजपा की नीयत पर गंभीर बहस को जन्म दे दिया है।
यह खबर लगातार अपडेट की जा रही है, अधिक जानकारी जल्द प्रकाशित की जाएगी।
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