स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर। जनपद की जिला जेल में रविवार को आध्यात्मिक सद्भाव और सुधारात्मक उद्देश्यों के साथ एक विशेष सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध श्रीमद्भागवत कथावाचक परमपूज्य प्रशांत प्रभु जी महाराज ने अपनी संगीतमय कथा और भजन-कीर्तन के माध्यम से बंदियों को धर्म, भक्ति और जीवन सुधार की राह दिखाई।
पूज्य महाराज जी ने अपने वाद्य यंत्रों और कलाकारों के साथ जेल में पहुंचकर प्रेरणादायक सत्संग किया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान शिव की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पाल सिंह, राष्ट्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री हरिसरन वाजपेई, श्री पंकज टण्डन, श्री राजभूषण जौहरी, श्री आर.के. अग्रवाल, जय भारत संस्था के अध्यक्ष श्री राजीव कृष्ण अग्रवाल, पार्क इन होटल के श्री पाण्डेय जी, जेल अधिकारीगण तथा अन्य विशिष्टजन शामिल रहे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने पूज्य महाराज जी का माल्यार्पण कर आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम राष्ट्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद के श्री हरिसरन वाजपेई के सौजन्य से संपन्न हुआ।
पूज्य प्रशांत प्रभु जी महाराज ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि “कारागार जैसी जगह पर सत्संग एक अनूठा और पुण्यदायी अवसर है। यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि यहां के बंदियों को भी सत्संग का रसास्वादन प्राप्त हो रहा है।”
महाराज जी ने बंदियों को पौराणिक प्रसंगों, भजन-कीर्तनों और जीवन के नैतिक मूल्यों के माध्यम से जीवन में सुधार लाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “आप जेल में हैं यह आपकी मजबूरी हो सकती है, लेकिन अच्छे कार्य और आचरण पर कोई रोक नहीं है। यदि आप 40 दिनों तक सच्चे मन से ‘शिव मंत्र’ का जाप करें, तो आपके समस्त कष्ट दूर हो सकते हैं।”
उन्होंने अपने जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी कुंडली में चंद्र-केतु दोष होने के बावजूद वे एक बंदी के रूप में नहीं, बल्कि सत्संग के माध्यम से एक नेक कार्य हेतु जेल आए हैं। यह भगवत भक्ति की शक्ति है।
इस अवसर पर शिव-पार्वती की मनोहारी झांकी का मंचन भी किया गया, जिसे सभी बंदियों और अतिथियों ने सराहा।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि “इस प्रकार के आध्यात्मिक व वैचारिक कार्यक्रम निश्चित रूप से बंदियों की मानसिकता को बदलने का कार्य करते हैं। यह जेल पहले कभी इतना शांत और सकारात्मक नहीं रहा। आज यहां का वातावरण सुधार और सद्भाव से परिपूर्ण है।”
कार्यक्रम के समापन पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने पूज्य प्रशांत प्रभु जी महाराज का आभार व्यक्त किया और सभी बंदियों ने करतल ध्वनि से महाराज जी को सम्मान और श्रद्धा अर्पित की।
यह आयोजन न केवल बंदियों के लिए एक सकारात्मक अनुभव रहा, बल्कि जेल प्रशासन और समाज के लिए भी आध्यात्मिक पुनरुत्थान का प्रतीक बना।
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