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ममता राजपूत जी की (बच्ची को गोद में लिए हुए तस्वीर) |
प्रधान संपादक मो शोएब ✍️
लखनऊ। मानवता और सेवा की मिसाल उस समय देखने को मिली जब भारतीय किसान मजदूर यूनियन (दसहरी संगठन) की जिला अध्यक्ष ममता राजपूत और दुबग्गा थाना पुलिस ने एक गंभीर अवस्था में पीड़ित विक्षिप्त महिला की सहायता कर न सिर्फ उसकी जान बचाई बल्कि एक नवजात बच्ची को सुरक्षित जन्म दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
घटना दिनांक 3 अगस्त 2025 की शाम लगभग 4 बजे की है। दसहरी संगठन की प्रदेश महासचिव महिला प्रकोष्ठ एवं जिला अध्यक्ष ममता राजपूत जी ने एक विक्षिप्त गर्भवती महिला को सड़क पर तड़पता देखा। ममता जी ने बिना समय गंवाए महिला को सरकारी अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद ममता जी ने महिला को दसहरी चौराहा स्थित संगठन के प्रदेश कार्यालय पर लाकर मनीष यादव दसहरी को सूचित किया। बाहर निकलते ही मनीष यादव ने देखा कि महिला भारी प्रसव पीड़ा में तड़प रही थी। उन्होंने तुरंत 108 एंबुलेंस और दुबग्गा थाना प्रभारी श्री अभिनव वर्मा को फोन कर पूरी स्थिति से अवगत कराया। थाना प्रभारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कस्बा चौकी प्रभारी श्री संतोष सिंह को टीम सहित मौके पर भेजा।
इसके बाद सभी लोग मिलकर महिला को काकोरी सीएचसी ले गए। वहां मौजूद डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, पर महिला की मानसिक अस्थिरता के कारण इलाज मुश्किल हो गया और उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया।
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि जब तक पुलिस लिखित प्रमाण नहीं देगी, वे मरीज को भर्ती नहीं करेंगे। ऐसे में फिर से दुबग्गा पुलिस को सूचित किया गया, जिन्होंने पूरी कानूनी कार्यवाही करवाई और महिला को भर्ती करवाया।
रात लगभग 9 बजे, मेडिकल कॉलेज के 6 डॉक्टरों की टीम ने अथक प्रयासों से महिला की नॉर्मल डिलीवरी करवाई और एक स्वस्थ कन्या का जन्म हुआ। वर्तमान में मां और बच्ची दोनों सुरक्षित हैं और उपचाराधीन हैं।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है —
इस बच्ची का भविष्य क्या होगा? और उस विक्षिप्त महिला के साथ दरिंदगी करने वाला वहशी दरिंदा कौन था जिसने उसे इस हाल में छोड़ दिया?
दसहरी संगठन के मनीष यादव ने इस घटना पर कहा,
“अगर मुझे उस दरिंदे का पता चल गया, तो मैं उसे ऐसा सबक सिखाऊंगा कि फिर कभी कोई बहन-बेटी की अस्मत से खेलने की हिम्मत नहीं करेगा।”
यह घटना कई सवाल खड़े करती है:
- उस मासूम बच्ची का पालन-पोषण कौन करेगा?
- उस विक्षिप्त महिला की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
- क्या ऐसे दरिंदों की पहचान और सजा के लिए कोई मजबूत तंत्र है?
इस अवसर पर मनीष यादव ने बहन ममता राजपूत की साहस और संवेदनशीलता को सलाम करते हुए कहा कि
“उन्होंने दो जिंदगियों को खत्म होने से बचा लिया।”
साथ ही दुबग्गा थाना प्रभारी श्री अभिनव वर्मा और चौकी प्रभारी श्री संतोष सिंह को भी दिल से धन्यवाद दिया, जिन्होंने वर्दी की सच्ची गरिमा को निभाया और मानवता का परिचय दिया।
मनीष यादव ने अपील की —
“आज तक मैंने अपनी किसी भी पोस्ट को शेयर करने की अपील नहीं की। लेकिन आज आप सभी मित्रों से निवेदन है कि इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें, शायद इस बच्ची के परिवार या रिश्तेदारों तक यह बात पहुंच जाए।”
यदि आप कुछ सहायता करना चाहते हैं या इस महिला को पहचानते हैं, तो इन नंबरों पर संपर्क करें:
📞 वॉट्सऐप नंबर:
9454074088, 6392272512
📞 ममता राजपूत जी का नंबर:
8840094178
🙏 इस सच्ची मानवता की कहानी को फैलाएं। हो सकता है आपकी एक शेयर से किसी का परिवार फिर से जुड़ जाए, और एक मासूम बच्ची का भविष्य संवर जाए।
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