ब्यूरो रिपोर्ट: दर्शन गुप्ता, लखनऊ
लखनऊ नगर निगम में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में की गई कटौती को लेकर नाराजगी बढ़ गई है। कर्मचारियों ने सीधे नगर आयुक्त से शिकायत दर्ज कराई है और इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि ठेकेदार ने नियमों को ताक पर रखते हुए कर्मचारियों के त्योहार के समय वेतन काटे, जिससे कई परिवारों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।
"शोषण हो रहा है कर्मचारियों का" — आनंद वर्मा
नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने साफ कहा कि यह शोषण की स्थिति है जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी मांग की कि ठेकेदार ईपीएफ और ईएसआई का सही भुगतान कर रहे हैं या नहीं, इसकी जांच कराई जाए। उनका कहना है कि नगर निगम ठेकेदार को नियमानुसार पूरा भुगतान करता है, फिर भी कर्मचारियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा।
"त्योहार से पहले कटौती की गई सैलरी" — शमील एखलाक
संघ के महामंत्री शमील एखलाक ने कहा कि यह मामला इसलिए और भी गंभीर है क्योंकि त्योहार से ठीक पहले वेतन काटा गया, जिससे कर्मचारियों की मुश्किलें दोगुनी हो गईं। उन्होंने मांग की कि वेतन कटौती की जांच की जाए और दोबारा ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
सिर्फ ₹7100 सैलरी आई खातों में
कर्मचारियों का कहना है कि 1 से 5 तारीख तक सैलरी मिल जानी चाहिए, लेकिन रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले तक भी वेतन नहीं मिला था। कई कर्मचारियों के खातों में सिर्फ ₹7100 की सैलरी आई, जिससे त्योहार पर घर चलाना मुश्किल हो गया। उनका दावा है कि आमतौर पर उन्हें ₹8100 के आसपास सैलरी मिलती थी, लेकिन बिना सूचना के यह कटौती कर दी गई।
400 से ज्यादा कर्मचारियों के वेतन में गड़बड़ी
नगर महापालिका आउटसोर्सिंग कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष मनोज मौर्य, उपाध्यक्ष महेन्द्र शर्मा, दीपू वर्मा और महामंत्री सुबोध सिंह ने आरोप लगाया कि यह वेतन कटौती पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। उनका कहना है कि आरआर विभाग में काम कर रहे करीब 400 कर्मचारियों के वेतन में कटौती की गई है, जिससे व्यापक आक्रोश है।
"5 अगस्त को वेतन रिलीज कर दिया गया" — नगर आयुक्त
इस मामले पर नगर आयुक्त गौरव कुमार ने सफाई दी है। उनका कहना है कि नगर निगम की ओर से 5 अगस्त को ही वेतन रिलीज कर दिया गया था। उन्होंने यह भी माना कि कुछ कार्यदायी संस्थाओं द्वारा वेतन कैलकुलेशन में गड़बड़ी हुई है। शिकायत मिलने के बाद उनसे जवाब तलब किया गया है।
अब देखना यह है कि नगर निगम प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है और क्या आउटसोर्स कर्मचारियों को उनका पूरा हक मिल पाएगा या नहीं।
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