Hot Posts

6/recent/ticker-posts

गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन की घोषणा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा – यह केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि जन-आंदोलन है

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर टेरिटोरियल आर्मी के साथ गोमती तट की स्वच्छता को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने ‘गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन’ की ऐतिहासिक घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीलीभीत से गाजीपुर तक प्रवाहित गोमती केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना, आध्यात्मिक विरासत और जीवनधारा की प्रतीक है। उन्होंने इसे जल शुद्धिकरण से आगे बढ़कर संस्कृति और पर्यावरण के पुनर्संवर्धन का व्यापक अभियान बताया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “गोमती में एक बूंद भी सीवरेज न गिरे, इसके लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाए।”
उन्होंने निर्देश दिया कि गोमती तट पर अवैध बस्तियों और घुसपैठियों की पहचान कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए ताकि स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह मिशन पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती नदी के सम्पूर्ण प्रवाह क्षेत्र को कवर करेगा। इसके तहत नगरीय सीवेज का 95 प्रतिशत अवरोधन, नदी प्रदूषण में कमी और तटीय पारिस्थितिकी के पुनरुद्धार का लक्ष्य रखा गया है।

इस मिशन के अंतर्गत इकाना वेटलैंड और साजन झील जैसे नए वेटलैंड विकसित किए जाएंगे। साथ ही नदी किनारे के अवैध अतिक्रमण हटाने, घाटों के सौंदर्यीकरण और हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि “सीवर सिस्टम को चोक करने और प्रदूषण बढ़ाने में इसकी बड़ी भूमिका है, इसलिए इसे हर हाल में रोका जाए।”

बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अब तक गोमती टास्क फोर्स ने नदी तटों पर पैदल और नौका गश्त के साथ 1,000 टन से अधिक जलकुंभी की सफाई, नालों का सर्वेक्षण और 100 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

नदी योग अभियान’ के तहत 21 अप्रैल से 21 जून तक आयोजित कार्यक्रमों में 50,000 से अधिक नागरिकों ने भाग लेकर घाटों की सफाई में सहयोग दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “गोमती का जल जीवन का आधार है। इसे स्वच्छ, अविरल और निर्मल बनाए रखना हमारी नैतिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारी है।”

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टास्क फोर्स की मासिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं, प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए और पारदर्शिता के साथ जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए।

योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज की सहभागिता से संचालित एक जन-संकल्प यात्रा बनेगा।
“जब समाज और शासन साथ कदम बढ़ाएंगे, तभी गोमती अपनी स्वाभाविक निर्मलता और जीवनदायिनी धारा पुनः प्राप्त कर सकेगी,” मुख्यमंत्री ने कहा।



Post a Comment

0 Comments