स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहाँपुर, 18 दिसम्बर 2025।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में लागू खादी एवं ग्रामोद्योग विकास सतत रोजगार प्रोत्साहन नीति ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रारंभ इस नीति के अंतर्गत ग्रामोद्योगों की स्थापना, पूंजी निवेश, रोजगार सृजन एवं विपणन सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया गया है।
नीति के माध्यम से अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार, एकल खिड़की प्रणाली द्वारा उद्यमियों को समयबद्ध सहायता, मेक इन यूपी को बढ़ावा, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, ऑनलाइन विपणन तथा गुणवत्ता नियंत्रण जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।
सोलर चर्खा वितरण एवं प्रशिक्षण योजना के तहत खादी संस्थाओं के माध्यम से कत्तिनों को प्रशिक्षण देकर निःशुल्क सोलर चर्खा उपलब्ध कराया जा रहा है। विगत सात वर्षों में 5832 कत्तिनों को सोलर चर्खा वितरित कर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 11664 लोगों को रोजगार मिला है। वर्ष 2025-26 में 1000 कत्तिनों को सोलर चर्खा वितरित किए जा रहे हैं।
दोना-पत्तल एवं पॉपकॉर्न मेकिंग मशीन वितरण योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर और परंपरागत कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। दोना-पत्तल योजना में वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक 2029 लाभार्थियों को टूलकिट देकर 6087 लोगों को रोजगार मिला, जबकि वर्ष 2025-26 में 580 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। पॉपकॉर्न मेकिंग मशीन योजना से अब तक 2024 लाभार्थियों को टूलकिट देकर 6072 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
इसके अतिरिक्त मथुरा जनपद में तुलसी माला मेकिंग मशीन वितरण योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 195 अभ्यर्थियों को निःशुल्क मशीनें प्रदान की गईं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए साधन विकसित हुए हैं।
उद्यमियों की समस्याओं के समाधान हेतु ग्रामोद्योग समाधान सेल की स्थापना की गई है, जहां वेब पोर्टल और मोबाइल एप के माध्यम से उद्योग स्थापना से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है।
कुल मिलाकर खादी एवं ग्रामोद्योग विकास सतत रोजगार प्रोत्साहन नीति से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और बड़ी संख्या में लाभार्थी आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
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